Nomura ने NBFCs को सतर्क रहने की सलाह दी, SBI Cards और M&M Finance को 'रिड्यूस' रेटिंग दी
फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस और बजाज फाइनेंस के शेयरों में इस साल 15% की गिरावट हुई है, जबकि श्रीराम फाइनेंस और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में 14% की वृद्धि हुई है। रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में कुछ ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई की है, जिससे अनसिक्योर्ड लोन में सुस्ती देखने को मिल रही है।
Nomura, जापानी ब्रोकरेज फर्म, ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) को सतर्क रहने की अपनी सलाह दोहराई है। रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में कुछ ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई की है, जिससे अनसिक्योर्ड लोन में सुस्ती देखने को मिल रही है।
फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में इस साल 15% की गिरावट हुई है, जबकि श्रीराम फाइनेंस और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में 14% की वृद्धि हुई है।
SBI कार्ड और M&M फाइनेंशियल पर सबसे ज्यादा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि SBI का 100 प्रतिशत अनसिक्योर्ड लोन है, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज का रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) प्रोफाइल पिछले 10 वर्षों में 9 से 10 प्रतिशत था। नोमुरा ने दोनों स्टॉक के लिए 'रिलीज' रेटिंग दी है। NBFC की कुल वृद्धि कुछ कमजोर हो सकती है क्योंकि कई चुनौतियां हैं। रिजर्व बैंक द्वारा रिस्क वेट में बढ़ोत्तरी, जो अंततः मध्यम अवधि में लोन ग्रोथ को कम करेगा, सबसे बड़ी वजह है। नोमुरा के अनुसार, NBFCs, बैंकों की तुलना में बाकी अनसिक्योर्ड लोन (जैसे क्रेडिट कार्ड या कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन) में कम मार्केट शेयर खो रहे हैं।
FY25 में भी फंड की कॉस्ट ज्यादा रहेगी
विशेषज्ञों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 के अधिकांश हिस्सों में निवेश की लागत बनी रहेगी। रिस्क वेट बढ़ने से गैरबैंकिंग फाइनेंस कंपनियों की फंडिंग लागत बढ़ जाएगी। FY25 की पहली छमाही में रेपो रेट में कटौती की कम संभावना, कॉरपोरेट/NBFCs यील्ड में बढ़ोतरी के आसार, अनसिक्योर्ड लोन में ग्रोथ सुस्त रहने आदि चुनौतियां सिक्योर्ड सेगमेंट में बनी रहेंगी।
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