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2011 में डेल्हीवरी शुरू हुआ था। 2019 में इस कंपनी को यूनिकॉर्न बनाया गया। सूर्य और साहिल ने मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की थी। इसके संस्थापक सदस्यों में बाद में अधिक लोग शामिल हुए।
34000 करोड रुपये का बिजनेस, कैसे खडा हुआ सिर्फ एक डिलिवरी बॉय की वजह से ! 2325 करोड रुपये का रेव्हेन्यू बनाया सिर्फ 3 महिने मे ! |
किसी को भी बिजनेस आईडिया का पता नहीं है। डेल्हीवरी का विचार भी एक डिलीवरी बॉय से आया था। दो लड़कों ने 2011 में डेल्हीवरी डिलीवरी सेवाओं की स्थापना की। इस कंपनी के पहले संस्थापकों का नाम साहिल बरुआ और सूरज सहारन था। हालाँकि, अब कुछ अतिरिक्त संस्थापकों की सूची है। जिनके बारे में आप आगे मिल जाएगा। 2019 में डेल्हीवरी में ही यूनिकॉर्न बन गया था। आज यह कंपनी लिस्टेड है और इसका मार्केट कैप 341 अरब रुपये, या 34,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।
यह भारत में प्रमुख स्पलाई चेन सेवाओं में से एक है। हर क्षेत्र में कंपनी बिजनेस से बिजनेस, बिजनेस से कस्टमर और कस्मटर से कस्मटर काम करती है। कंपनी कम कीमतों पर डिलीवरी सर्विस देती है. कंपनी की शुरुआत की रोचक कहानी है।
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1) कैसे शुरू हुइ इतनी बडी कंपनी?
2) संस्थापक कैसे जुडते गये ?
3) कंपनी की वित्तिय स्थिति !
कैसे शुरू हुइ इतनी बडी कंपनी?
सूरज और साहिल ने एक बार एक रेस्तरां में कुछ ऑर्डर किया, खबर है। जब डिलीवरी बॉय खाना लेकर आया, तो उन्होंने उससे कुछ बातचीत की, तो पता चला कि रेस्टोरेंट जल्द ही बंद हो जाएगा। वे फिर रेस्तरां मालिक के पास गए। वहां जाकर उन्होंने सभी डिलीवरी बॉय्ज को बुलाया। सूर्य और साहिल को लगता है कि रेस्तरां में डिलीवरी नेटवर्क की भारी कमी है, और वह इस सेवा को बेहतर तरीके से देख सकता है। इसलिए, उन्होंने रेस्तरां के सभी डिलीवरी कर्मचारियों को बुलाया और अपनी कंपनी की यूसीएपी को एक घंटे में बनाया। बाद में वे दवा बेचने वालों से भी जुड़ गए।
संस्थापक कैसे जुडते गये ?
कंपनी में को-फाउंडर के तौर पर भी मोहित टंडन, भावेश मंगलानी और कपिल भारती शामिल हुए। इनमें से कुछ आईआईटी और इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। डेल्हीवरी ने 15 बार फंडिंग करके अब तक 1.69 अरब डॉलर जुटाए हैं। 2019 में, 2011 में शुरू हुई कंपनी यूनिकॉर्न बन गई। यूनिकॉर्न एक अरब डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू वाली पहली कंपनी है।
कंपनी की वित्तिय स्थिति !
कंपनी ने दिसंबर तिमाही में 2325 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 12 करोड़ रुपये का प्रॉफिट प्राप्त किया। इसके अलावा, पिछली तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि रेवेन्यू 2043 करोड़ रुपये था। इस तिमाही में कंपनी ने 103 करोड़ रुपये का घाटा किया। वर्तमान में कंपनी के शेयर 460 रुपये से कुछ अधिक पर हैं।
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